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सहकारिता के नए आयाम गढ़ता उत्तर प्रदेश कोऑपरेटिव बैंक

सहकारिता के नए आयाम गढ़ता उत्तर प्रदेश कोऑपरेटिव बैंक

75.68 करोड़ रुपये का लाभांश वितरित, सहकारिता को नई ऊँचाइयाँ

लखनऊ।

वन्दे भारत लाइव टीवी न्यूज।

 उत्तर प्रदेश कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड ने अपनी 61वीं वार्षिक सामान्य निकाय बैठक (एजीबीएम) का भव्य आयोजन 21 मार्च 2025 को इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान, लखनऊ में किया। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की। बैठक में बैंक द्वारा 75.68 करोड़ रुपये का लाभांश वितरित किया गया।

बैठक में वित्त एवं संसदीय कार्यमंत्री सुरेश कुमार खन्ना, सहकारिता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जे.पी.एस. राठौर, प्रमुख सचिव (सहकारिता) सौरभ बाबू, आयुक्त एवं निबंधक सहकारिता उत्तर प्रदेश अनिल कुमार सिंह (आई.ए.एस.), क्षेत्रीय निदेशक रिजर्व बैंक पंकज कुमार, सभापति जितेंद्र बहादुर सिंह, उपसभापति मनीष साहनी सहित सहकारिता विभाग के वरिष्ठ अधिकारी, नाबार्ड के प्रतिनिधि एवं बैंक के निदेशक मंडल के सदस्य उपस्थित रहे।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने संबोधन में कहा कि सहकारिता केवल एक वित्तीय प्रणाली नहीं, बल्कि सामाजिक और आर्थिक विकास की एक महत्वपूर्ण कड़ी है। उन्होंने सहकारिता को टीम भावना का प्रतीक बताते हुए कहा कि यह मनुष्य को अन्य प्राणियों से अलग बनाती है। मुख्यमंत्री ने उत्तर प्रदेश कोऑपरेटिव बैंक के 70 प्रतिशत से अधिक सीडी रेश्यो (क्रेडिट-डिपॉजिट अनुपात) की सराहना करते हुए कहा कि इससे यह सिद्ध होता है कि प्रदेश के किसान और श्रमिक इस बैंक के साथ मजबूती से जुड़े हुए हैं। बैठक के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बलरामपुर में एक नए जिला सहकारी बैंक की स्थापना की घोषणा की। इसके अतिरिक्त, प्रदेश के सभी प्राथमिक कृषि साख समितियों (पैक्स) की ब्याजमुक्त ऋण सीमा को 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 15 लाख रुपये कर दिया गया है, जिससे किसानों को वित्तीय सहायता मिलेगी। इसके अलावा, मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास योजना के तहत 06 लाभार्थियों को ऋण चेक वितरित किए गए। इस योजना के अंतर्गत बिना ब्याज और बिना गारंटी के 5 लाख रुपये तक का ऋण प्रदान किया जाता है, जिससे प्रदेश के 32,000 से अधिक युवाओं को अब तक सहायता मिल चुकी है। वित्त एवं संसदीय कार्यमंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने कहा कि उत्तर प्रदेश कोऑपरेटिव बैंक के जिला सहकारी बैंक ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों की वित्तीय आवश्यकताओं को पूरा कर रहे हैं। सहकारिता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जे.पी.एस. राठौर ने कहा कि सहकारी समितियाँ किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। उन्होंने बताया कि बैंक की सभी 40 शाखाएँ लाभ में हैं और इसका नेट एनपीए (गैर-निष्पादित परिसंपत्ति) शून्य है। बैंक के प्रबंध निदेशक आर.के. कुलश्रेष्ठ ने कहा कि कोऑपरेटिव बैंक आधुनिक बैंकिंग तकनीकों को अपनाकर सहकारी बैंकिंग को नई ऊंचाइयों पर ले जा रहा है। बैंक द्वारा डिजिटल, मोबाइल और नेट बैंकिंग सुविधाएँ प्रदान की जा रही हैं, जिससे ग्राहकों को सरल और सुरक्षित बैंकिंग सेवाएँ उपलब्ध हो रही हैं। बैठक के अंत में सभापति जितेंद्र बहादुर सिंह ने सभी उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों और प्रतिभागियों को धन्यवाद दिया। इस अवसर पर अपर सचिव एवं अपर प्रबंध निदेशक सतीश चंद्र मिश्र, मुख्य महाप्रबंधक धीरज चंद्रा, प्रशासनिक महाप्रबंधक डॉ. श्रद्धा करन सहित बैंक के वरिष्ठ अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित रहे। उत्तर प्रदेश कोऑपरेटिव बैंक की 61वीं वार्षिक बैठक में सहकारिता के महत्व को न केवल दोहराया गया, बल्कि इसे और अधिक प्रभावी बनाने के लिए नई योजनाओं की शुरुआत भी की गई। सरकार और बैंक के संयुक्त प्रयासों से प्रदेश के किसानों, उद्यमियों और युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में मजबूत कदम उठाए जा रहे हैं। डिजिटल बैंकिंग और वित्तीय अनुशासन के साथ यह बैंक न केवल लाभ में है, बल्कि सहकारी बैंकिंग को नए आयाम भी प्रदान कर रहा है।

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